उत्तर प्रदेश में 94 की जगह अब सिर्फ 37 विभाग

लखनऊ ।  उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने 94 विभागों को घटाकर अब 37 पर सीमित कर रही है। जिससे कई मंत्रियों के विभाग बदलने तय  है। इसको लेकर मंत्रियों से लेकर उनके समर्थकों में भी चिंता साफ देखी जा सकती है।

नीति आयोग की अपेक्षा के मुताबिक योगी सरकार ने ब्यूरोक्रेसी को स्मार्ट और जवाबदेह बनाने के लिए एक-दूसरे से जुड़े विभागों के विलय की शुरू कर दी है। जाहिर है, विभागों के विलय के बाद अलग-अलग महकमा संभाल रहे मंत्रियों का भी दायित्व बदलेगा। योगी जल्द अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल भी कर सकते हैं। इस फेरबदल में उनकी कसौटी पर खरा न उतरने वाले कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। इस सुगबुगाहट से कई मंत्रियों की नींद उड़ गई है।

विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से शुरू हो रहा है। 22 दिसंबर तक इसके समाप्त होने की संभावना है। इस बीच गुजरात के विधानसभा चुनाव भी समाप्त हो जाएंगे। अब चूंकि सरकार और संगठन का सारा ध्यान लोकसभा चुनाव पर है तो ऐसे में अपने कार्य और प्रदर्शन को लेकर सरकार और संगठन दोनों गंभीर हैं। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों को दायित्व सौंपे जाएंगे। इसमें सामाजिक और भौगोलिक संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नौ माह की अपनी सरकार में मंत्रियों की कार्यशैली और क्षमता से पूरी तरह परिचित हो चुके हैं। उनकी कसौटी पर कुछ बेहद खरे उतरे तो कई फिसड्डी भी साबित हुए हैं। नीति आयोग की अपेक्षा के अनुरूप विभागों के विलय होने पर कार्य का स्वरूप भी बदलेगा। सरकार ने स्वास्थ्य से संबंधित सभी विभागों को एक करने का फैसला किया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा विभाग आशुतोष टंडन संभालते हैं। सभी विभाग एक साथ हो जाने पर एक मंत्री को ही दायित्व मिलेगा।

ऐसे में किसी एक का समायोजन दूसरे विभाग में होना तय है। यह भी संभव है कि नये सिरे से तय होने वाले विभागों के अनुरूप पहले मंत्रियों को दायित्व सौंप दिया जाए और फिर उनका विलय किया जाए। सूत्रों के अनुसार निकाय चुनाव में अच्छी परफार्मेस देने वाले मंत्री भाजपा और योगी की निगाह में हैं। मूल्यांकन के आधार पर ओहदा घटाया-बढ़ाया जा सकता है।

’लोकसभा चुनाव के लिहाज से किया जाएगा चयन ’विभागों के विलय होने से भी मंत्रियों का बदलेगा दायित्व मोदी और शाह तक शिकायत कुछ मंत्रियों की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक पहुंची है। कई सांसदों ने मंत्रियों की शिकायत दर्ज कराई जबकि कुछ विधायक भी असंतुष्ट हैं। अमित शाह ने तो जुलाई माह के दौरे में 12-12 विधायकों का ग्रुप बनाकर मंत्रियों को उनकी कमान दी गई थी। मकसद विधायकों का असंतोष दूर करना और विकास को गति देना था लेकिन, इस कार्य में भी कई मंत्रियों ने रुचि नहीं ली। मंत्रिमंडल के फेरबदल में इसका भी प्रभाव पड़ना तय है।

 

About न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

News Trust of India न्यूज़ ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया

Leave a Reply

Your email address will not be published.

ăn dặm kiểu NhậtResponsive WordPress Themenhà cấp 4 nông thônthời trang trẻ emgiày cao gótshop giày nữdownload wordpress pluginsmẫu biệt thự đẹpepichouseáo sơ mi nữhouse beautiful