टी पी पांडे
यूपी के साथ उत्तराखंड में भी चुनाव हुए..लेकिन रिजल्ट आने के बाद से यूपी के सीएम योगी सुर्खियों में है तो उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और उनकी सक्रियता, कार्यप्रणाली को लेकर मीडिया में ना ज्यादा चर्चा है ना मीडिया की इसमें ज्यादा दिलचस्पी ..हां, ये ज़रूर है कि जब मोदी जी हरिद्वार में पातंजलि संस्थान के रिसर्च सेंटर का उद्घाटन करने पहुंचते हैं या फिर बाबा केदारनाथ के दर्शन करने जाते हैं तो सारे टीवी चैनल उसे एक ईवेंट बना देते हैं और इस दौरान उत्तराखंड के शांत स्वभाव के वज़ीर-ए-आला त्रिवेंद्र जी भी मंच पर दिख जाते हैं..इसके बाद सारे चैनल दिनभर बाबा रामदेव और मोदी जी के भाषणों के हिस्से को दिखाते रहते हैं..मतलब भला हो मोदी जी का कि जिनके दौरे से सालभर में एक-दो बार उत्तराखंड राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आता है…मगर प्रधानमंत्री जी एक बात जान लीजिए कि हरिद्वार में बाबा रामदेव के पातंजलि संस्थान में रिसर्च सेंटर खुलने से केवल बाबाजी का विकास होगा ,उनके आलीशान 10 हजार करोड़ के साम्राज्य का विस्तार भी होगा,मगर इस पहाड़ी राज्य का विकास बिल्कुल नहीं होगा..पिछली सरकारों के नकारापन और उनकी घटिया कार्यशैली से उत्तराखंड पहले ही काफी नुकसान झेल चुका है..इस राज्य को समग्र विकास की ज़रूरत है और सरकारी खजाना नेताओं और नौकरशाहों के हाथ से लुट चुका है..इसलिए मेरा निजी तौर पर मानना है कि मौजूदा लीडरशिप राज्य के उत्थान के मामले में ज़्यादा सक्षम नजर नहीं आ रही है क्योंकि ज़्यादातर नेताओं की वही पुरानी चौकड़ी पहले से मौजूद है ..केवल उन्होंने पार्टी ही तो बदली है,लिहाजा उनकी नीयत कैसे बदलेगी?? उत्तराखंड से नौजवानों का पलायन रोकने के लिए ठोस कार्यक्रम तैयार करने की जरूरत है ..मुझे याद है कि लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान आपने खुद कहा था कि पहाड़ों का पानी और जवानी यहां के किसी काम नहीं आते..क्योंकि पानी पहाड़ों पर रुकता नहीं है और नीचे बह जाता है और नौजवान पहाड़ छोड़कर मैदानी इलाकों में नौकरी ढूंढने निकल जाते हैं..लिहाजा दोनों ही काम नहीं आते..इस समस्या का हल सिर्फ एक है और वो है रोजगार के साधन उपलब्ध करवाना..क्या ऐसा हो पाएगा?
(फ़ेसबुक वाॅल से साभार)