उत्तराखंड में जिस तरह की आग पिछले साल लगी थी उसके बाद यही कहा जा रहा था कि कभी पानी तो कभी आग से यहां के जंगल उत्तराखंड को पीड़ा देते रहते हैं। लगातार हो रही आग की घटनाओं से पहाड़ धूं-धूं कर जल रहे हैं तो साथ ही करोड़ों की वन संपदा खाक हो रही है।
सबसे ज्यादा नुकसान इस बार अगर कहीं हो रहा है तो वो है उत्तराखंड का उत्तरकाशी जिला। गंगोत्री नेशनल पार्क में आग पिछले 24 घंटे से धधक रही है। आलम ये है कि सरकार ने विधानसभा में भी विपक्ष के सवालों के जवाब में इस आग को बुझाने का वादा तो किया लेकिन सहज सवालों से ही सरकार सहम गई। इस आग को बुझाने के लिए उत्तरकाशी जिले की पुलिस तो लगाई ही गयी है साथ ही एसडीआरएफ की टीम भी लगायी गई है।
मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि आग पर काबू जल्द पाया जाएगा लेकिन वो ये भी कह रहे हैं कि आग थोड़ी ज्यादा है इसलिए समय लग रहा है। आग लगने से उत्तरकाशी के साथ-साथ टिहरी, देहरादून और नैनीताल का भी हिस्सा जल रहा है।
चलिये आपको बताते हैं कि अबतक इस सीजन में कितनी आग लगने की घटनाएं हुई हैं-
- अब तक प्रदेश में छोटी-बड़ी 790 घटनाएं घटी हैं।
- 1228.04 वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
- 1400 से ज्यादा पेड़ अबतक खाक हो चुके हैं जबकि 2.13 करोड़ रुपये का वन विभाग को वनों का नुकसान हो चुका है।
- कई लोग आग बुझाते हुए झुलसे भी हैं।
हर साल पहाड़ों पर आग लगने की घटनायें बढ़ रही हैं लेकिन इसके बाद भी सरकार सिर्फ नीति और उनकी तैयारियों में ही समय बिता देती है। शायद सरकार इस बात से अनजान है कि लगातार पहाड़ों पर पेड़ों के जलने से पहाड़ों को बेहद नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही उत्तराखंड की खूबसूरती पर दाग भी लग रहा है।