(अरविन्द थपलियाल, उत्तरकाशी )
ऐसा इसलिए क्योंकि पहाड़ों में बढ़ते नशे के कारोबार को देखते हुए प्रशासन को ख़बर मिली थी कि यमुनाघाटी की मोरी तहसील के कई गांवों में नशे की खेती की जा रही है। इन गांवों में एक-दो खेतों में नहीं बल्कि सैकड़ों नाली खेतों में अफीम को जन्म दिया जा रहा है। इस बात की सूचना पर एडीएम ने संयुक्त टीम बनाकर प्रशासन को मौके पर भेजा।
पहले तो लगा कि अफीम उगाने वाले खेतों की संख्या एक या दो के बराबर होगी लेकिन जैसे-जैसे आगे बढ़े तो तश्वीर साफ हुई। यमुनाघाटी के मोरी तहसील के आठ गांवों में भारी मात्रा में अफीम को उगाया गया था। प्रशासन ने अफीम की खेती को एक-एक कर अब नष्ट करना शुरू कर दिया है। कुल आठ टीमें गठित कर आठों गांवों में 40 अधिकारियों व कर्मचारियों को अफीम की खेती नष्ट करने के लिए लगाया गया है। करीब 100 से ज्यादा खेतों की अफीम को अबतक नष्ट किया जा चुका है। पहाड़ों में अफीम के नशे की खेती दिनों-दिन बढ़ रही है जिसपर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने ये अभियान चलाया हुआ है।