लखनऊ : क्या अधिकारी, क्या मिनिस्टर और क्या जनता इन दिनों सबकी जुबां पर योगी आदित्यनाथ छाए हुए हैं। उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही योगी ने जो काम की रफ्तार पकड़ी है, उससे अधिकांश अधिकारी यहां तक कि मंत्री भी तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं, लेकिन जनता उनके काम करने की शैली की खूब तारीफ कर रही है।
नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे, ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’ उनका नारा काफी सुर्खियों में रहा था। अब योगी की हुंकार ‘ना सोऊंगा ना सोने दूंगा’ चर्चा में है। योगी रोजाना कई घंटों काम करते हैं। योगी तीन अप्रैल से ही लंबी समीक्षा बैठकें कर रहे हैं और आधी रात तक विभिन्न विभागों की प्रेजेंटेशन देख रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी समय दिन हो या रात एक ही बार में कम से कम चार विभागों की समीक्षा बैठक करते हैं जो चार से पांच घंटे तक चलती हैं। एक अधिकारी ने बताया कि योगी जी सभी के प्रजेंटेशन को ध्यान से देखते हैं और किसी भी खामी को तुरंत ही पकड़ लेते हैं।
20 अप्रैल को सीएम योगी के सामने सभी विभागों का ‘फाइनल प्रेजेंटेशन’ होना है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने 20 अप्रैल तक सभी अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और मंत्रियों के भी बाहर जाने पर रोक लगा दी है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही साफ कर दिया था कि अधिकारियों और मंत्रियों को 16 से 18 घंटे काम करना होगा। अगर उन्हें इसमें कोई दिक्कत है तो उनके लिए बाहर जाने का विकल्प खुला है।
लोकभवन यानी मुख्यमंत्री का दफ्तर पांचवी मंजिल पर है। इन दिनों यह आधी रात तक खुला रहता है। बापू भवन, इंदिरा भवन, जवाहर भवन और सचिवालय की लाइटें भी देर रात तक जलती नजर आतीं हैं और अधिकारी व कर्मचारी काम में व्यस्त नजर आते हैं। रात में अच्छी नींद के आदी वरिष्ठ अधिकारियों के लिए रात और दिन दोनों भारी पड़ रहे हैं। उनके लिए दफ्तर आने का समय तो है, लेकिन यहां से जाने का नहीं। राजधानी के अखबारों ने भी अपनी प्रिंटिंग की डेटलाइन बढ़ा दी है। क्योंकि उन्हें मुख्यमंत्री दफ्तर से आने वाली खबरें आधी रात के बाद ही मिलती हैं।
योगी आदित्यनाथ के कामकाज के तरीकों से भले ही प्रशासनिक तबका परेशान हो, लेकिन जनता जमकर तारीफ कर रही है। बस अड्डे से लेकर रेलवे स्टेशन और चौराहों पर लोग योगी के काम के तरीके को चटकारे लेकर एक-दूसरे को बता रहे हैं। नीमसार से लखनऊ जा रही कैसरबाग डिपो की लोहिया बस में पूरी रास्ते योगी आदित्यनाथ ही चर्चा में छाए रहे। बस ड्राइवर ने स्टेयरिंग पर पकड़ मजबूत करते हुए कहा, योगी जी के फैसले से अधिकारी थर-थर कांप रहे हैं। अब उन्हें कुर्सी पर ऊंघने का भी टाइम नहीं मिलता है। ड्राइवर के सामने वाली सीट पर बैठे एक बस यात्री ने कहा, भइया योगी तो मोदी से तेज काम कर रहे हैं। अब सरकारी ऑफिसों में बाबू समय से तो मिल जाते हैं। वहीं पास में बैठे बुजुर्ग यात्री ने कहा, ठीक है ऐसा ही
मुख्यमंत्री होना चाहिए, जिसके ‘आगे नाथ न पीछे पगहा’ है। वह खाली समय में करें तो क्या करें और किसके लिए करें।