लखनऊ। यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार तेजी से लिये जा रहे बड़े फैसलों के कारण मीडिया की सुर्खियों में है. ऐसे ही एक और बड़े फैसले से सरकार अब कर्मचारियों की नकेल कसने जा रही है. यूपी सरकार अब सरकारी विभागों में 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों की कार्यकुशलता को आधार बना कर उनकी छुट्टी कर सकती है. मंडलायुक्तों के ज़रिये सरकारी विभागों को ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करने को कहा गया है. जिनकी कार्यकुशलता का स्तर कम होगा उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जायेगी.
सूत्रों के मुताबिक़ सभी मंडलायुक्तों को इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है. यह कार्रवाई गोपनीय रूप से की जा रही है. 50 वर्ष की आयु पार कर चुके किसी सरकारी कर्मचारी को उसका नियुक्ति प्राधिकारी बिना कोई कारण बताए तीन महीने का नोटिस अथवा तीन महीने का वेतन देकर जनहित में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर सकता है. सरकार ने स्क्रीनिंग की कार्यवाही के आधार पर बनी रिपोर्ट 30 जून तक उपलब्ध कराने को कहा है. सरकार के इस कदम को काम के प्रति उदासीन कर्मचारियों पर अपनी कार्य क्षमता में सुधार लाने का दबाव बढ़ाने की कवायद माना जा रहा है. यूपी सरकार एक ही स्थान पर तीन साल से जमे बाबुओं की सूची तैयार कर उनके तबादले का मन भी बना रही है.